07 नवंबर 2010

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चुनाव

छठे चरण के महासंग्राम में जिन इलाकों में चुनाव हो रहे हैं... उनमें से ज्यादातर नक्सली हिंसा और सूखे से प्रभावित इलाके हैं... साथ ही ये इलाका जातीय विद्वेष पर आधारित हिंसा के लिए कुख्यात हैं। आठ जिले में छह जिलों में नक्सलियों का राज है....जबकि एक जिला भोजपुर आंशिक रूप से नक्सल प्रभावित इलाका है....नक्सलियों ने अपने प्रभाव वाले इलाके में पोस्टर चिपकाकर लोगों से वोट बहिष्कार की अपील की है। पांचवे चरण में जहानाबाद सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित जिला है.
पिछले डेढ़ दशक में नक्सलियों ने यहां जितना खुन बहाया है शायद ही उतना खून पिछले साठ दशक में प्रदेश के किसी और हिस्से में बहाया गया हो....नक्सलियों के साथ-साथ जहानाबाद में जातिय विद्वेष की वजह से कई नरसंहार को भी अंजाम दिया गया है।जहानाबाद के बाद नक्सल प्रभावित इलाके में शेखपुरा और अरवल का नाम आता है....नक्सलियों ने यहां भी जमकर तांडव मचाया है......नालंदा और नवादा भी ऐसे जिले हैं....जो नक्सलियों के आतंक से त्रस्त हैं..... प्रदेश में
जब नक्सल प्रभावित इलाकों की बात होती है...तो गया का नाम जरूर आता है.... यहां के शेरघाटी में नक्सलियों की इजाजत के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता.... सरकारी भवन हो या फिर मोबाइल कंपनियों के टावर नक्सलियों का जब दिल करता है...एक ही झटके में इन्हे तबाह कर दिया जाता है। भोजपुर जिला भी नक्सलियों के आतंक से अछुता नहीं है....हालांकि यहां जहानाबाद और गया की तरह नक्सलियों का राज नहीं चलता है....लेकिन ये कहना कि यहां नक्सलियों का आतंक नहीं है, बेमानी है।

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