बक्सर जिले में चार विधानसभा सीटें हैं...ब्रह्मपुर,बक्सर,डुमरांव और राजपुर...नये परिसीमन में इन चारों सीटों के नामों परिवर्तन तो नही हुआ...लेकिन चारों विधानसभा सीटों के भौगोलिक बदलाव जरुर हुये हैं...अगर बात ब्रह्मपुर विधानसभा सीट की करें तो नवम्बर दो हजार पांच के विधानसभा चुनाव में आरजेडी के अजीत चौधरी ने बाजी मारी थी...अजित चौधरी लगातार चार दफे इस सीट पर कब्जा जमाये हुये हैं...लेकिन इस बार इनको टक्कर देने के लिये बीजेपी ने दिलमणी देवी को मैदान में उतारा है..वहीं बीएसपी के टिकट पर अरविंद सिंह भाग्य आजमा रहे हैं....मुख्य लड़ाई इन्हीं तीनों प्रत्याशियों के बीच होने के आसार दिख रहे हैं...
अब बात बक्सर विधानसभा सीट की....नवम्बर दो हजार पांच के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बीएसपी के टिकट पर हृदयानंद सिंह ने बाजी मारी थी...लेकिन इस बार बीएसपी ने हृदयानंद सिंह को बेटिकट कर दिया है...क्योंकि इन पर पार्टी विऱोधी गतिविधि में रहने का आरोप है...वहीं बीएसपी ने कुंवर विजय सिंह को मैदान में उतारा है...तो आरजेडी के टिकट पर श्यामलाल कुशवाहा भाग्य आजमा रहे हैं...तो सीपीआईएम के टिकट पर बिहार महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष मंजू प्रकाश ताल ठोंक रही हैं...
बात डुमरांव विधानसभा सीट की करें तो लगातार तीन बार से बतौर निर्दलीय ददन पहलवान कब्जा जमाए हुये हैं...और इस बार जेडीएस के टिकट पर भाग्य आजमा रहे हैं...वहीं इनको मात देने के लिये जेडीयू ने जहां दाउद अली पर दांव खेला है...तो आरजेडी के टिकट पर सुनील कुमार ताल ठोक रहे हैं
और अंत में बात राजपुर विधानसभा सीट की...नवम्बर दो हजार पांच के विधानसभा चुनाव में जेडीयू के टिकट पर श्यामप्यारी देवी ने बाजी मारी थी...लेकिन श्यामप्यारी देवी के निधन हो जाने से जेडीयू ने इस बार संतोष कुमार निराला को मैदान में उतारा है...तो एलजेपी के टिकट पर छेदीलाल राम ताल ठोक रहे हैं....वहीं बीएसपी के पंकज कुमार लड़ाई को दिलचस्प बनाये हुये हैं...
अगर नवम्बर दो हजार पांच के विधानसभा चुनाव के परिणाम पर एक नजर डालें तो जेडीयू,बीजेपी,आरजेडी और निर्दलीय को एक एक सीट मिली थी...इस बार के चुनाव में किसका पलड़ा भारी है..ये कहना मुश्किल है...क्योंकि स्थानीय मुद्दे हावी दिख रहे हैं...और स्थिति में बाजी किसके पाले में जाऐगा..ये तो 24 नवम्बर को हीं पता चल पायेगा...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें