राजधानी पटना में चौदह विधानसभा सीटें हैं.... जिसमें दस विधानसभा सीटों पर चौथे चरण में मतदान हो रहे हैं.... परिसीमन के बाद पटना जिले के कई विधानसभा सीटों की भौगोलिक स्थिति में बदलाव हुआ है साथ ही कई नये विधानसभा सीटें भी अस्तित्व में आ गई हैं।
सबसे पहले बात राजधानी से दूर स्थित मोकामा विधानसभा सीट की....इस सीट पर 2005 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू के अनंत कुमार सिंह विजयी रहे थे...इस बार भी जेडीयू के टिकट पर अनंत कुमार सिंह ही चुनावी मैदान में विरोधियों को परास्त करने में लगे हैं.....अनंत कुमार सिंह से टक्कर लेने के लिए एलजेपी की सोनम देवी और कांग्रेस के टिकट पर पूर्व मंत्री श्याम सुन्दर सिंह चुनाव मैदान में हैं।अब बात बाढ़ विधानसभा सीट की....नबंबर 2005 के विधानसभा चुनाव में बाढ़ विधानसभा सीट से जेडीयू के ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी...इस बार भी जेडीयू ने ज्ञानेंद्र कुमार सिंह को ही मैदान में उतारा है....
आरजेडी की तरफ से पू्र्व सांसद विजय कृष्ण पर मैदान में हैं तो कांग्रेस ने विजय कुमार सिंह को यहां से टिकट दिया है। बख्तियारपुर विधानसभा सीट की बात करें तो नवंबर 2005 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर यहां से विनोद यादव विजयी रहे थे..इस बार भी बीजेपी ने विनोद यादव पर ही दाव खेला है....जबकि आरजेडी की तरफ से अनिरुद्व यादव एक बार फिर किस्मत आजमा रहे हैं....वहीं कांग्रेस के टिकट पर रामायण प्रसाद लड़ाई को दिलचस्प बनाने में लगे हुए हैं।
परिसीमन के बाद दीघा सीट अस्तित्व में आई है.... पहले ये सीट मसौढ़ी विधानसभा सीट के नाम से जानी जाती थी...इस सीट से जेडीयू ने वर्तमान विधायक पूणम देवी को मैदान में उतारा है....पूणम देवी ने पिछले चुनाव में मसौढ़ी विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी... पूणम देवी को टक्कर देने के लिये एलजेपी ने सत्यानंद शर्मा पर दांव खेला है.तो कांग्रेस ने राजेश कुमार सिंह को मैदान में उतारा है।
पटना पश्चिम विधानसभा सीट का अस्तित्व नये परिसीमन में खत्म हो गया है...अब ये सीट बांकीपुर बन गया है.... पिछले चुनाव में बीजेपी के नीतीन नवीन ने पटना पश्चिम से जीत हासिल की थी.... इस बार भी बीजेपी के टिकट पर नीतीन नवीन भाग्य आजमा रहे हैं... वहीं आरजेडी ने विनोद कुमार श्रीवास्तव को टिकट दिया है...तो कांग्रेस के टिकट पर दुर्गा प्रसाद भाग्य आजमा रहे हैं
कुम्हरार विधानसभा सीट परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई है......ये सीट पहले पटना मध्य थी.....और पिछले चुनाव में यहां से बीजेपी के अरुण कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी... इस बार भी बीजेपी ने अरुण कुमार सिंहा पर दाव खेला है....वहीं एलजेपी टिकट पर कमाल परवेज भाग्य आजमा रहे हैं...तो कांग्रेस ने कपिलदेव प्रसाद यादव को मैदान में उतारा है...।
पटना पूर्वी विधानसभा सीट का अस्तित्व भी अब खत्म हो गया है.... और अब ये सीट पटना साहेब हो गया है....यहां से बीजेपी के टिकट पर कई बार विधायक बन चुके नंदकिशोर यादव एक बार फिर बीजेपी के ही टिकट पर भाग्य आजमा रहे हैं...नंदकिशोर यादव को टक्कर देने के लिए आरजेडी ने राजेश कुमार पर दांव खेला है... जबकि कांग्रेस के टिकट पर परवेज अहमद भाग्य आजमा रहे हैं।
अब बात फतुहा विधानसभा सीट की.... फतुहा विधानसभा सीट से नवंबर 2005 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू के सरयुग पासवान ने जीत हासिल की थी...इस बार जेडीयू ने अजय कुमार सिंह को मैदान में उतारा है...वही अजय को टक्कर देने के लिये आरजेडी ने रामानंद यादव को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस के टिकट पर रामजी सिंह मैदान में हैं....।
दानापुर विधानसभा सीट की बात करें तो बीजेपी ने आशा सिंह पर एक बार फिर से भरोसा जताया है... आशा सिंह ने बीजेपी के टिकट पर नवंबर दो हजार पाच के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी....वहीं आरजेडी ने आशा सिंह को टक्कर देने के लिये सच्चितानंद राय को मैदान में उतारा है.... वहीं कभी लालू के साथ रहनेवाले विजय यादव पाला बदलकर कांग्रेस के टिकट पर भाग्य आजमा रहे हैं...।
और अंत में बात मनेर विधानसभा सीट की.... मनेर विधानसभा सीट की लड़ाई इस बार दिलचस्प हो गई है.... क्योंकि नवंबर 2005 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी के टिकट पर चुनाव जीतनेवाले श्रीकांत निराला इस बार पाला बदलकर जेडीयू के टिकट पर चुनावी अखाड़े में खम ठोक रहे हैं...वहीं आरजेडी ने भाई विरेंद्र पर दांव खेला है...तो कांग्रेस के टिकट पर अशोक ज्ञान मैदान में है....।
प्रदेश की राजधानी होने की वजह से पटना जिले की चुनावी लड़ाई पर सबकी नज़रें टिकी है....यहां की चौदह प्रदेश की राजनीतिक समीकरण बदलने के लिए काफी है....लिहाजा हर पार्टी ने यहां अपनी पूरी ताकत झौंक दी है...बाकि जनता जनार्दन के हाथों में हैं।
1 टिप्पणी:
मैं कुछ नहीं... बस आपके लिए लिखना चाहता हूं... आपके लिए इसी बहाने कुछ करना चाहता हूं... बेहद मामूली इंसान हूं... आपके मुद्दों को दूसरा तक पहुंचाने का मन है... आपकी दुआओं के सहारे जीता- जागता हूं... मुझे पता है आपके साथ नाइंसाफी होती रही है... 21वीं सदी में ऐसा नहीं होने देंगे... आपने हमें इस लायक बनाया है... इसी जिम्मेदारी का बोझ उठाना चाहता हूं... आपकी शक्ति... आपकी सोच... आपकी बातें... आपका दर्द बांटने की कूवत बढ़ाना चाहता हूं...
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