निलेश कुमार
बिहार में विधानसभा चुनाव में कविताओं का दौर थमने के बाद अब नारा युद्द की शुरूआत हो गई है.....हर पार्टी अपने-अपने हिसाब से नारों का इस्तेमाल कर रही है....सबसे पहले बात राज्य की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू की.....एक नजर डालते हैं जेडीयू के दिलचस्प नारों पर....
बोल रहा है टीवी अखबार सबसे आगे नीतीश कुमार
बढ़ता बिहार नीतीश कुमार
पांच साल बनाम पचपन साल
........................................... जेडीयू के साथ-साथ बीजेपी ने भी कुछ ऐसा नारा बनाया है जो न केवल विपक्ष पर निशाना साधने वाला है बल्कि वोटरों को लुभाने वाला है।
अपना वोट विकास को
बढ़ता बिहार, बनता बिहार
पांच साल, बिहार खुशहाल
.....................देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस भी नारा युद्द में पीछे नहीं है...
ना कोई बात ना कोई जात, सिर्फ राहुल की बात कांग्रेस के साथ
हमारी लड़ाई उनसे है, जो सिर्फ बात बनाते हैं
जरूरत है काम की, बिहार के ऊंचे नाम की.......जैसे नारे रणभूमि में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भर रहे हैं...।
इधर, राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी..भ्रष्टाचार मिटाओ, कुशासन भगाओ के नारे पर जोर आजमाईश कर रही है....।
लोकसभा चुनाव में सुपड़ा साफ होने के बाद नारों के इस युद्द में एलजेपी भी पीछे नहीं है....और वह
एलजेपी- आरजेडी गठबंधन की है ललकार, चुनाव के बाद मेरी सरकार
...................... के दम पर अपना आत्म विश्वास बढ़ा रही है।
उधर सीपीआईएमएल का नीतीश बाबू का नया बिहार,घोषणाबाजी व भ्रष्टचार...भाकपा माले की यही पुकार, भूमि सुधार, नया बिहार जैसे नारों को लेकर अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कवायद में जुटी हुई है।
राज्य में चुनाव प्रचार अब धीरे-धीरे जोर पक़डता जा रहा है और किस पार्टी का नारा मतदाताओं को सबसे ज्यादा आकर्षित करता है यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा....फिलहाल नारों का युद्द जारी है।
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