07 अक्तूबर 2010

आरजेडी फर्स्ट फेज में

पहले चरण में हो रहे मतदान में राष्ट्रीय जनता दल का काफी कुछ दांव पर लगा है...जिन 47सीटों पर पहले चरण में मतदान हो रहा है...उसमें 2005 के चुनाव में पार्टी ने मात्र 4 चार सीटों पर जीत हासिल की थी...और 24 सीटों पर दूसरे स्थान पर थी इस लिहाज से आरजेडी के पास अपना प्रदर्शन सुधारने के लिए शानदार मौका है.

बिहार विधानसभा के महासंग्राम में पहले चरण की जंग सीमांचल और कोसी की रणभूमि में लड़ी जा रही है.....सीमांचल में जहां अल्पसंख्यक वोट चुनावी योद्दाओं की किस्मत तय करते हैं वहीं कोसी के इलाके में यादवों की जय जयकार गुंजती है....यानि इस इलाके को हम एम वाई समीकरण का गढ़ कह सकते हैं....एम वाई यानि की लालू प्रसाद यादव की वो चुनावी गणित जिसके बल पर उन्होंने बिहार में डेढ़ दशक तक राज किया........लेकिन दो हजार पांच के चुनाव में इस इलाके में लालू का तिलस्म टूट कर बिखर गया और सैंतालीस में से महज चार सीटें उनके हाथ लगी।
जिन 47सीटों पर पहले चरण में चुनाव होने को है उनमें राष्ट्रीय जनता दल के काफी संभावनाएं है...इसका आभास आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को भी है...इसलिए वो इन इलाकों में ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार में जुट गये हैं...पिछले विधानसभा चुनाव में इन सीटों में से आरजेडी मात्र चार सीटों पर चुनाव जीत पाई थी...इनमें से किशनगंज...रुपौली...धमदाहा और प्रानपुर सीट शामिल है...जबकि 24सीटों पर पार्टी दूसरे स्थान पर रही थी...जीते हुए स्थानों पर पार्टी को मिलने वाला औसत वोट लगभग....प्रतिशत था...जबकि आरजेडी जहां दूसरे नंबर पर रही थी वहां पार्टी को मिलने वाला वोट प्रतिशत....था...खास बात ये है कि कई सीटों पर हार का अंतर तो दो हजार वोटों से भी कम था...अगर इन सीटों पर पार्टी थोड़ा सा भी जोर लगाती तो आंकड़ों की तस्वीर बदल सकती थी...पिछली बार लालू और पासवान ने बिहार के फाइनल में अलग अलग किस्मत आजमाई थी...लेकिन इस बार दोनों योद्धा साथ हैं...अगर इस बार रामविलास पासवान का पंरपरागत वोट बैंक लालू को समर्थन करता है...तो आरजेडी का ग्राफ बढ़ सकता है...यहीं बात पासवान के साथ भी लागू होती है...

हालांकि इस बार चुनाव बिलकुल अगल हालात में हो रहे हैं...और चुनाव के मुद्दे भी अलग हैं...लेकिन पहले चरण में जहां जहां चुनाव हो रहे हैं...वहां के कई दिग्गजों ने लालू यादव का साथ छोड़ दिया है...इस कड़ी में किशनगंज से मुस्लिम नेता तस्लीमुद्दीन का नाम शामिल है...लालू के कद्दावर सिपहसालारों में एक तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम इस बार जेडीयू से चुनाव लड़ रहे हैं...और वे लालू के मुस्लिम वोटों में सेंध लगा सकते हैं...
किशनगंज से अख्तरूल इमान, रूपौली से बीमा भारती, धमदाहा से दिलीप कुमार यादव, प्रानपुर सीट से महेन्द्र नारायण यादव........................ने आरजेडी को इस इलाके में जिंदा रखा.... जबकि चौबीस सीटों के उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे।
हरलाखी SITA RAM YADAV,खजौली RAM LAKHAN RAM RAMAN
बाबूबरही UMA KANT YADAV, मधुबनी ASLAM, झंझारपुर RAM AUTAR CHAUDHARY, लौकहा ANIS AHMAD, पिपरा SURENDRA KR. CHANDRA
सुपौल MD. ISRAIL RAYEEN, त्रिवेणीगंज ANITA DEVI, छातापुर MAHENDRA NARAYAN SARDAR, नरपतगंज ANIL KUMAR YADAV, रानीगंज SHANTI DEVI

फारबिसगंज ZAKIR HUSSAIN KHAN, जोकिहाट SARFRAZ ALAM, बायसी ABDUS SUBHAN, कस्बा MD. AFAK ALAM, बनमनखी KANT LAL RISHI, पूर्णिया RAM CHARITRA YADAV, कटिहार DR. RAM PRAKASH MAHTO
सिंघेश्वर ARVIND KUMAR, मधेपुरा DR. ASHOK KUMAR, सोनबर्षा RANJIT YADAV, सहरसा DR. ABDUL GAFOOR, महिषी SURENDRA YADAV

कोई टिप्पणी नहीं: