भारत सरकार ने मई 2009से नेशनल पेंशन स्कीम का एलान कर दिया है। जिसके तहत अब हर कोई सरकारी कर्मचारियों की तरह से पेंशन स्कीम का लाभ उठा सकता है। एनपीएस योजना में मामूली रकम जमा करके आप अपना आने वाला कल यानी बुढ़ापा संवार सकते हैं। इस योजना के बारे में फिलहाल लोगों को कम जानकारी है क्योंकि यह नई नवेली योजना है। लेकिन लोगों को इतना जरूर मालूम है कि सरकार ने सबके लिए नई पेंशन स्कीम की शुरूआत की है। जिसका लाभ आप कभी भी उठा सकते हैं। वैसे इस योजना की बुनियादी पहलुओं के बारे में हम आपको जानकारी दे रहे हैं।
कैसे इस योजना में शामिल हों?
नई पेंशन स्कीम योजना में कोई भी शामिल हो सकता है। सरकार ने इसके लिए 18 से 55 वर्स उम्र की समय सीमा तय की है। कोई भी भारतीय नागरिक इस योजना में शामिल हो सकता है।
रकम कब वापस मिलेगी?
यह योजना दो चरणों में लागू होती है। पहले चरण में आप किसी भी संबंधित बैंक में अपना खाता पेंशन स्कीम के तहत खुलवा सकते हैं। खाता खुलने के बाद रकम डाल सकते हैं। लेकिन रकम की निकासी नहीं कर सकते हैं। दूसरा चरण छह महीने के बाद पूरा होता है जब आप अपने अकाउंट्स को फिर एक बार उपडेट्स करते हैं। इसके बाद आप पैसा संभवतः निकाल सकते हैं। योजना के तहत पहले आप खुला खाता खोलते हैं उसके बात बचत यानि जमा खाता खोली जाती है।
निवेश की न्यूनतम सीमा?
एनपीएस में निवेश की न्यूनतम सीमा छह हजार रुपये सालाना है वहीं अधिकतम निवेश की सीमा तय नहीं की गई है। इसमें आप बचत के हिसाब से ज्यादा से ज्यादा पैसा जमा कर सकते हैं। प्रीमियम आप एक साल में चार किस्तों में जमा कर सकते हैं। एक बार में कम से कम 500 रुपये जमा करना अनिवार्य है। तीन महीने में रकम जमा करना जरूरी है।
न्यूनतम राशि जमा नहीं करने पर जुर्माना?
निश्चिंत अवधि में प्रीमियम की राशि जमा नहीं करने पर जुर्माने का प्रावधान है। इस के लिए बैंक आप से सालाना 100रुपये वसूल करेगी। इसके अलावा खाते को फिर से सक्रिय करने के लिए आपको प्रीमियक की राशि जमा करना होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो निष्क्रिखय खातों में जमा राशि को जुर्माने के तौर पर काट लिया जाएगा। रासि शून्य होने पर खाते को बंद कर दिया जाएगा।
निवेश पर गारंटी?
एनपीए में निवेश पर कोई न्यूनतक रिटर्न की गांरटी नहीं है। इस योजना के तहत आपके फंड का निवेश किया जाएगा। इसमें जो भी रिर्टन आएगा उसमें से फंड प्रबंधन का खर्च काटकर आपके खाते में जमा कर दिया जाएगा।
कहां खुलेगा पेंशन फंड का खाता?
सरकार ने प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस के देश भर में 285केंद्र तय किए हैं। इन केंद्रों को संचालित करने के लिए सरकार ने 17बैंकों को लाइसेंस प्रदान किया है। जिसमें भारतीय जीवन बीमा निगम, एसबीआई, इलाहाबाद बैंक, आईसीआईसीआई, एक्सिस, कोटक महिन्द्रा, सिटी बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, रिलायंस कैपिटल वगैरह जैसी वित्तीय संस्था शामिल है।
बैंक बदलने की सुविधा
नई नेशनल पेंशन स्कीम के तहत पहले तो आप किसी भी बैंक में खाता खोल सकते हैं लेकिन बैंक की कार्यप्रणाली से अगर आप नाखुश हैं तो आपको बैंक बदलने की छूट होगी। लेकिन यह सुविधा अगले कुछ महीनों के बाद प्रभावी माना जाएगा।
निवेश के लिए विकल्प
एनपीएस में निवेश के लिए तीन विकल्प दिए गए हैं। पहला-इक्विटी फंड,जिसके तहत आपकी आधी रकम को सूचकांक आधारित सेयरों में निवेश किया जाता है। यह सुविधा उनके लिए बेहतर है जो बाजार की नब्ज को जानता है। क्योंकि यहां पर जोखिम लेने पर ही रिटर्न है। लेकिन लंबे समय के लिए निवेश करने पर इक्विटी किसी के लिए भी बेहतर साबित हो सकता है।
दूसरा आप गिल्ट फंड में निवेश कर सकते हैं। इसके तहत सरकारी निकायों में निवेश किया जाता है। जिसमें रिटर्न और रिस्क मध्यम है। इसके अलावा अगर आप विकल्प नहीं चुन पा रहे हैं या फिर किसी तरह से संतुष्ठन नहीं हो पा रहे हैं तो आप कंपनी डिपॉजिट या एफडी कर सकते हैं। इसमें भी जोखिम रहित रिटर्न के अवसर है। इसके अलावा आप कोई भी फैसला लेने में असमर्थ हैं तो फिर आप डिफाल्ट विकल्प चुन सकते हैं।
डिफॉल्ट विकल्प क्या है?
इस विकल्प के तहत आपकी उम्र के हिसाब से निवेश की योजना तय होती है। अगर निवेश के वक्त आपकी उम्र 18साल है तो आपका 50फीसी निवेश इक्विटी में किया जाएगा वहीं 30फीसदी निवेश फिक्सड डिपॉजिट और 20फीसदी गिल्ट फंड में कर दिया जाएगा। 36साल की उम्र होते ही आपके पैसों को एफडी और इक्विटी फंड से निकालकर गिल्ट फंड में डाल दिया जाएगा। इस तरह से 55साल की उम्र तक जी फंड में आपका निवेस 80फीसदी तक हो जाएगा। बाकी विकल्पों में आपका निवेस 10-10 फीसदी रह जाएगा।
फंड मैनेजर का चुनाव
फंड मैनेजर उन वित्तीय संस्थानों या बैकों को कहा गया है जो आपके पैसों का निवेश बाजार में या अन्य उपक्रमों में करता है। इसके लिए सरकार ने छह बैंकों को फंड मैनेजर बनाया है। इनमें से किसी एक का चुनाव आप अपनी मर्जी के हिसाब से कर सकते हैं। इनमें एसबीआई,यूटीआई, आईसीआईसीआई प्रूडेंसियल, एचडीएफसी, और रिलायंस कैपिटल शामिल है।
शहर बदलने का असर
आप गांवों में रहें या शहरों में इससे आपके निवेश या खाता पर असर नहीं पड़ेगा। आपके खाते के लिए ख़ास परमानेंट रिटायरमेंट एकाउंट नंबर जारी किया जाता है। इस नंबर के जरिये आप अपना अकाउंट देश के किसी भी हिस्से से संचालित कर सकते हैं।
टैक्स लाभ का चक्कर
शुरूआत में सरकार ने इस योजना के तहत निकासी में ग्राहकों को टैक्स लाभ देने से इंकार कर दिया था। लेकिन बीमा नियामक प्राधिकरण की कोशिशों के चलते सरकार ने निवेशकों को टैक्स में छूट देने का एलान कर दिया है। इसलिए अब आपका रिर्टन टैक्स फ्री माना जाएगा और निवेश करने पर टैक्स अदा करने की आपको छूट मिलेगी। अगर आपने अब तक पेंशन स्कीम नहीं चुना है तो सरकारी मुहर वाली इस स्कीम में आप निवेस कर सकते हैं। ताकि बुढ़ापे में हंसते हंसते कट जाए आपके रस्ते......
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें