14 सितंबर 2010

बिहार विधानसभा के पहले चरण का मतदान


पंद्रहवीं बिहार विधानसभा के पहले चरण का मतदान एनडीए के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है.. क्योंकि सीमांचल का ये क्षेत्र मुस्लिम और पिछड़ी जाति बहुल इलाका है,, जिस पर आरजेडी-एलजेपी गठबंधन के अलावा कांग्रेस ने भी नजर गड़ा रखी है...ऐसे में सीमांचल की धरती राजनीतिक दलों के लिए पहली और अहम रणभूमि होगी....
21 अक्टूबर को होने वाले पहले चरण के मतदान में जिन सैंतालिस सीटों पर चुनाव होने हैं...उनमें कई मंत्रियों की किस्मत दांव पर लगी है... यही नहीं बाढ़ प्रभावित कोसी इलाके की इन सीटों पर एनडीए की असली अग्निपरीक्षा है... क्योंकि मुस्लिम और अति पिछड़ी जाति बहुल इस क्षेत्र में ही सभी पार्टियों का मुस्लिम और पिछड़ा प्रेम लिटमस टेस्ट से गुजरेगा.... चुनाव आयोग ने इस चरण में मधुबनी के साथ-साथ सुपौल, मधेपुरा, सहरसा,पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार में मतदान की तारीख तय की है.. जिन मंत्रियों की किस्मत पहले चरण में दांव पर लगी है..उनमें नीतीश सरकार के जल संसाधन मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव प्रमुख हैं,,जो सुपौल से विधायक हैं... इनके अलावा आलमनगर के विधायक औऱ ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र नारायण यादव,, झंझारपुर के विधायक और पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा, मधुबनी के लौकहा से जीते हरि प्रसाद साह,, रानीगंज से जीते पूर्व मंत्री और विधायक रामजी ऋषिदेव शामिल हैं।
आंकड़ों के लिहाज से देखें तो इस इलाके में पिछले विधानसभा चुनाव में एनडीए को जबर्दस्त सफलता मिली थी...एनडीए ने यहां करीब तीस सीटों पर जीत हासिल की थी..जबकि आरजेडी को पिछले चुनावों के मुकाबले 2005 के चुनावों में यहां मुंह की खानी पड़ी थी.. इसबार सीमांचल का समीकरण कुछ बदला-बदला सा है...कुछ सीटों पर पूर्व के हेवीवेट ने अपना पाला बदला है,,, तो आरजेडी-एलजेपी गठबंधन ने एनडीए की धार कुंद करने की कवायद भी तेज की है... कांग्रेस भी अपने पुराने वोट बैंक को लामबंद करने में लगी है... इस इलाके में मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण किसी भी गठबंधन की जीत तय करेगा... इसके लिए जेडीयू ने जहां तस्लीमुद्दीन को अपने पाले में किया है,,वहीं कांग्रेस महबूब अली कैसर के नेतृत्व में इलाके में जीत का रोडमैप तैयार कर रही है...जबकि लालू-रामविलास एक प्लेटफॉर्म पर आकर मुस्लिमों और पिछड़ों की नुमाइंदगी का दंभ भर रहे हैं...

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