06 दिसंबर 2010

झारखंड में भ्रष्टाचार की भेंट मिड डे मिल योजना


झारखंड देश के सबसे पिछड़े राज्यों में से एक है....और 2007 की रिपोर्ट के मुताबिक यहां के महज 59.60 फीसदी लोग साक्षर हैं..... विकास की रफ्तार यहां तेज हो सके और यहां के बच्चे पढ़ लिख कर आगे बढ़े इसके लिए पूरे देश के साथ-साथ झारखंड में भी मिड डे मिल योजना की शुरूआत की गई थी....लेकिन जो रिपोर्ट सामने आई है... उसमें झारखंड में मिड डे मिल योजना का हाल बेहाल नजर आता है।
 झारखंड में महज 67 फीसदी बच्चे मिड डे योजना का लाभ उठा रहे हैं... जबकि 33 फीसदी बच्चों तक इसका लाभ नहीं पहुंचता....सबसे बड़े अचंभे की बात है कि इस प्रदेश में मिड डे मिल के लिए आई कुल राशी का महज 32 फीसदी ही खर्च हो रही है...।
 झारखंड में जितने बच्चों को मिड डे मिल मिल रहा है उसमें सुप्रिम कोर्ट के दिशा निर्देशों के तहत महज 65 फीसदी बच्चों को भोजन मिलता है... यहां के 8 फीसदी स्कूलों में आज भी बच्चों को पीने का साफ पानी नहीं मिलता.... 61 फीसदी स्कूलो में ही किचन की व्यवस्था है....76 फीसदी बच्चों के लिए खाने के लिए अपनी अपनी थाली है... और महज 63 फीसदी स्कूलों में बच्चों को नियमित रूप से भोजन मिलता है...खाने की क्वालिटि की बात करें तो यहां उनकी गुणवत्ता महज 63 फीसदी है। 
Nilesh Kumar
http://www.samwadia.blogspot.com

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